25+barish shayari in hindi।बारिश शायरी इन हिंद

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If you want to share rain shayari with your dear friend girlfriend or family, then this post is for you, in this you will get to read his poetry of rain which will give you a different feeling in the rainy season

अपने प्यारे दोस्त प्रेमिका या फैमिली के साथ बारिश शायरी शेयर करना चाहते हैं तो या पोस्ट आपके लिए है इसमें आपको बारिश के उनका शायर पढ़ने को मिलेंगे जो आपको बारिश के मौसम में एक अलग ही एहसास दिलाएगी। 

"एक ख्वाब ने आँखें खोली हैं, क्या मोड़ आया है कहानी में

वह भीग रही है बारिश में, और आग लगी है पानी में..!!"

shayari on barish
barish shayari in hindi



किया न करो मुझसे

इश्क़ की बातें बिन बारिश के ही

भीग जाती हैं रातें !!

Barish Shayari Love
barish shayari in hindi


बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो

बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं !!

रिमझिम बारिश शायरी
barish shayari in hindi



बेईमान मौसम से पूछो

कुछ हरकत कर रहा है

बताता नहीं क्या

ये मेरे हमसफर से डर रहा है !!


ब्यूटीफुल बारिश शायरी
barish shayari in hindi


जिसके आने से
मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को
हरा करते हैं !!


बारिश शायरी रोमांटिक इन हिंदी
barish shayari in hindi


ये रात क्यों गुजरती नहीं,

 अब ये तेरी याद मुझे क्यों सताती नहीं,

 और ऊपर से ये बरसात क्यों जाती नहीं।


barish ki shayari

  • बरस रही थी बारिश बाहर और वो भीग रहा था मुझ में
  • पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें
  • मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,हम जागते रहे दुनियां सोती रही,एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।



सावन का मौसम जब भी धरती से

मिलने आता है तब तब अपनी तड़प

का दास्ताँ बरस कर सुनाता है

क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे

जिसको दिल चाहे क्यों।



उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं

भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।



कितना अधूरा लगता है तब,

जब बादल हो पर बारिश ना हो,

जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,

जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,

और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.



कभी जी भर के बरसना,

कभी बूँद-बूँद के

लिए तड़पना,

 अये बारिश तेरी आदतें भी

मेरे यार जैसी हैं।



हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,

कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।



दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहीं 

रखते, भरोसा है,नहीं तुमको खुदा पर क्या

जरा सा भी ।



इंतज़ार में है ये नदियाँ ये घटा ये धरा और मैं,

 अब बरस भी जा ए गगन।



ए आसमान अब तू ही बरस जा,

 धोदे नफ़रतों को अब तू हि भगवान बन जा।



इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की

तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को



मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल

वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का



सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में

अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में



सुनो सावन चल रहा है

इजाजत हो तो

भोले से मांग लू तुमको अगले जन्म के लिए



बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,

दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,

ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे

करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी.



इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है

ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है



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