2 line shayari अंदर तक तोड़ देता है वो आंसू जो रात को अंधेरे में चुपचाप निकलता है

 Andar Tak Tod Deta Hai vah Aansu jo raat ko andhere mein nikalta hai

 अंदर तक तोड़ देता है वो आंसू जो रात को अंधेरे में चुपचाप निकलता है 

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