तुम मेरे बाद मोहब्बत को तरस जाओगे शायरी।Tum mere baad Mohabbat Ko Taras Jaoge
तुम मेरे बाद मोहब्बत को तरस जाओगे
अजनबी शहर है चाहत को तरस जाओगे
मेरी आँखों में आंसू देके मुश्कुराते हो
नाहीं तुम दिल में रहते नाहीं दूर जाते हो।
इस उजड़े हुँए चमन में फूल खिलाएगा कोन
हमारे बाद तुम्हे इतना याद आएगा कोन
अरे पगले आज हम है तभी तो सताते है
हमारे जाने के बाद तुम्हे इतना सताये गा कोन
मेरी आँखों में आंसू देके मुश्कुराते हो
नाहीं तुम दिल में रहते नाहीं दूर जाते हो
इससे बेहतर ना कही आसयाना पाओगे
तुम मेरे बाद मोहब्बत को तरस जाओगे
मैंने दिल तुझको दिया ये खता हमारी है
मुझको तो तुझसे इश्क करने की बीमारी है
दिल लगा कर दिल दुखाया नही करते
हस्ते हुए चेहरे को रुलाया नहीं करते
अरे जब दर्द दूर नही करसकते तो दर्द देते ही क्यों हो
अपने चाहने वालो को एक तरह सताया नही करते
मैंने दिल तुझको दिया ये खता हमारी है
मुझको तो तुझसे इश्क करने की बीमारी है
यार तो पाओगे प्यार कहा पाओगे
तुम मेरे बाद मोहब्बत को तरस जाओगे
ऐ मेरे हमसफर यूँ दिल को तुम दुखाओ ना
दिल तो बच्चा है अभी इसको तुम रुलाओ ना
मेरा दिल टूटा तो तुम सभाल ना पाओगे
तुम मेरे बाद मोहब्बत को तरस जाओगे
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